नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर के पूर्व पुलिस आयुक्त अंकुश धनविजय ने एक बिल्डर पर 2.23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह मामला एक पुराने भूमि सौदे से जुड़ा है। अब मुंबई में रह रहे धनविजय ने करीब 20 साल पहले नागपुर के मौजा वाग्धारा (गुमगांव) इलाके में चार एकड़ जमीन खरीदी थी। तीन साल पहले उन्होंने डेवलपर प्रवीण मंसाराम वाल्दे के साथ एक विनिमय समझौता किया था, जिसमें जमीन को आवासीय उपयोग में बदलने और बदले में उन्हें तीन बीएचके फ्लैट देने की बात तय हुई थी।
लेकिन बाद में धनविजय को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ चल रही है। जांच करने पर उन्हें पता चला कि बिल्डर ने जमीन से जुड़े कई अहम दस्तावेज़ों पर उनके नकली हस्ताक्षर कर लिए थे। इतना ही नहीं, जमीन की कीमत करीब 2.23 करोड़ रुपये बताई गई, जबकि बदले में दिए जाने वाले फ्लैट की कीमत उससे काफी कम थी। इस तरह उन्हें महसूस हुआ कि उनके साथ बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी की गई है।
पूर्व पुलिस अधिकारी ने जब पूरा मामला समझा, तो उन्होंने तुरंत नागपुर के हिंगना थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी प्रवीण वाल्दे के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मामला दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और संबंधित दस्तावेज़ों की फॉरेंसिक जांच भी कराई जा रही है।
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है, क्योंकि धनविजय कभी नागपुर पुलिस के शीर्ष पद पर रह चुके हैं। अब उनके ही साथ ऐसी ठगी होने से सवाल उठ रहे हैं कि अगर एक पूर्व पुलिस आयुक्त को ऐसी धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा सकता है, तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं।